सरकार ने रेलवे कर्मचारीयो के साथ किया विश्वासघात, रेल कर्मचारी देगें इसका ज्वाब


| January 8, 2016 |  

आबूरोड। नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉईज यूनियन के मंडल सचिव अरुण गुप्ता ने कहा कि जितना वेतन रेलवे कर्मचारी ले रहा है। वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने पर उससे कम वेतन प्राप्त कर सकेगा। रेल कर्मचारियों ने न्यूनतम 26 हजार वेतन की तर्क संगत मांग की थी। लेकिन, वेतन आयोग ने 17 हजार निम्र वेतन की सिफारिश किस आधार पर की, यह समझ से परे है। यूनियन ने जिन भत्तों को लंबे संघर्ष के बाद प्राप्त किया था। वेतन आयोग ने उन भत्तों को बिना तर्क संगत आधार के समाप्त करने की सिफारिश कर दी।सरकार ने कर्मचारीयो के साथ विश्वासघात किया है, इसका जवाब कर्मचारी आंदोलन करके देगें। वे गुरुवार शाम को स्टेशन के बाहर आयोजित आम सभा को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग ने रेल कर्मचारियों की आशाओं पर कुठाराघात किया है। रेल कर्मचारियों ने विस्तृत रुप से तर्को व न्याय संगत जितनी भी मांगे रखी थी, उन सभी को वेतन आयोग ने दरकिनार कर दिया। सरकार के दबाव में आकर मनमाने ढंग से केंद्र सरकार को देने का कार्य किया है। मंडल अध्यक्ष मोहन चेलानी ने कहा कि कर्मचारियों को एकजुट होकर शक्ति प्रदर्शन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि रेलवे में एफडीआई व पीपीपी के माध्यम से सम्पूर्ण रेलवे को निजी हाथों में सौंपन की तैयारी की जा रही है। इससे रेल कर्मचारियों की संख्या में कमी होगी। रेल विभाग का कार्य पूंजीपतियों के हाथ में चली जाएगी।

रेल विभाग ने २००४ के बाद नियुक्त रेल कर्मचारियों के वेतन में से की गई कटौती के आधार पर मासिक पेंशन का भुगतान किया जाएगा। एसीपी के तहत वर्तमान में सिर्फ तीन पदोन्नति दी जा रही है। जो न्याय संगत नहीं है। कर्मचारियों अपने पूरे सेवाकाल में कम से कम पांच पदोन्नति दी जानी चाहिए। जिससे सेवानिवृति पर कर्मचारी को सम्बल मिल सके। महामंत्री मुकेश माथुर ने कहा कि वेतन आयोग ने निराशाजनक सिफारिशें की है। इससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। समय रहते केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं दिखाया तो रेलवे में हड़तान निश्चित है।

कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट का आधार इत तरह बनाने की सिफारिश की है कि कर्मचारी अधिकारियों का गुलाम हो जाएगा। प्रधानमंत्री जिस देश में जाते हैं, उससे रेलवे मेें निवेश व भागीदारी की वार्तालाप व एग्रीमेंट करते है। पंूजीपति रेल विभाग को अपने अधिकार में करने की सोच रहे है। वेतन आयोग ने जो फिटमेंट फैक्टर निर्धारित किया है। वह श्रमिकों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। कार्यक्रम अध्यक्षता देवेंद्र शर्मा ने की। सभा से पूर्व अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। सभा में यूनियन के सचिव अनिल भट्ट समेत पदाधिकारी, रेलवे कर्मचारी, युवा व महिलाएं मौजूद थी।

रेली के रूप मे दिखाया जोश
इससे पूर्व रेलकर्मचारी डीजल शैड से शाखा प्रभारी अनिल भट्ट के नेतृत्व में रेली के रुप में नारेबजी करते हुए सभा स्थल पहुंचे। रेली के दोरान सभी कर्मचारी जहां कर्मचारी एकता के नारे लगा रहे थे वही वह सरकार व रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे बाजी कर अपना विरोध प्रकट कर रहे थे। रेली मे डिजले शेड शाखा के कर्मचारी समेत रेल महिला मण्डल की सदस्य भी मोजूद रहे।

 

 

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