आबू का इतिहास, प्रदेश की राजनीती और आबू में भड़कती आग [स्पेशल स्टोरी]


| April 16, 2017 |  

विश्व की सबसे बड़ी प्राचीन पर्वत श्रंखला अरावली जहा पहली मानव श्रंखला ने जन्म लिया। नन्दिनी खाई में गिरी तो हिमालय ने अर्बुद ओर नन्दिवर्धन वशिष्ठ जी की आज्ञा से भेजा | महावीर ओर बुद्ध ने अहिंसा का ज्ञान दिया 2500 वर्ष पहले क्षत्रियो ने क्षात्र धर्म छोड़ा। तो शक हुन तातार मंगोल आये भारत भूमि को लूटा। तब ऋषि वशिष्ठ ने अर्बुदा मा अग्नि कुंड में चार राजपूत उतपन्न किये परमार प्रतिहार सोलंकी ओर चौहान।चक्रवर्ती बने। राजा विक्रमादित्य परमार चहुमान बप्पा रावल ने मक्केश्वर महादेव तक कीर्ति पताका फहराई।प्रताप अर्बुदारन्य। राजा कुम्भा ओर चन्द्रवतो का में उल्लेख नही करूँगा आप जानते है। 1857 ब्रिटिश हुकूमत अल्लाउदीन ने पूर्व में चन्द्रावती उजाड़ी। पर राजपुताना फतह करने के बाद अंग्रेजो ने सेर सपाटा ओर रियासती राजाओ को मजे अर्बुदारन्य में करा 33 करोड़ देवी देवताओं की पुण्य भूमि पे पोप लीला रची।देश की आजादी के बाद तत्कालीन हुक्मरान नोकरशाही ओर विभाजित भारत के अध्यात्म प्रेमियों ने अपनी जागीर जमाई। ओर अर्बुदारन्य लुटता रहा।सिरोही तो 1956 में आजाद हुआ।पर जिसे लौह पुरुष कहते हैं। उन वल्लभ भाई पटेल ने गुजरात मे विलय की घोषणा एकीकृत गुजरात या मुम्बई रेजीडेंसी में की।तब सिरोही के सपूत गांधीवादी सर्वोदयी सिरोही के प्रथम प्रधानमंत्री गोकुल भाई भट्ट प्रजा मण्डल ओर राजस्थान कोंग्रेस के पृथम अध्यक्ष स्व गोकुल भाई भट्ट ने आंदोलन छेड़ा ओर पटेल की कुटिल नीति से सिरोही को बचाया।

जिसका परिणाम आबू तो सिरोही को मिल गया। वरना पहला मुख्यमंत्री सिरोही का गोकुल भाई भट्ट होता खेर फिर आबू विलासिता व्यभिचार ओर त्थाखित व्यभिचार का अड्डा हो गया।।हुक्मरानो की सैरगाह हो गया।राज्यपाल जी आजाद राजस्थान की ग्रीष्मकालीन राजधानी लगाने लगे और राजस्थान की सबसे पुरानी नगर पालिका भरस्टाचार की ऐसा अड्डा बनी की विकास का फंड तो जिले के नाम राजस्थान सरकार से लेती पर जिले की दलित आदिम सामान्य जनता से टोल वसूलती जाने दो यहाँ पर किरण बेदी पढ़ी अर्जुन रामपाल नामी गिरामी हस्तियों ने अध्यन किया । पर आज पिछले कई दसको से प्रभाव शाली सत्तारूढ़ जनो जब जब शासन रहा विकास और इको जोन के नाम आबू से गिरिवासी को हकाल कब्जा किया और प्रतिवर्ष आबू के जंगलों में आग लगवाई। आग आज भी लग रही है हेलीकॉप्टर से सरकार आग बुझा रही है।पर अरबो की वन्य सम्पदा ओर विलुप्त हुए वन्य जीव कोन जिमेवार आग पहली बार नही लगी।दशकों से लगती है। पेड़ नही टकराते आबू विकास प्राअधिकरुंन मुख्यमंत्री अध्यक्ष इको जोन करोड़ो अरबो होते खर्च |

18000 की पब्लिक 1800 का फायदा आबू में उपभोक्ता अधिकारों का हनन । पूर्व पुलिस अधिकारी देह व्यापार और ब्लैक मेलिंग में लिप्त प्रभावशाली नेता करते जमीनों वन विभाग पे कब्जा।अगर आईएस किस्म का नेता करता कार्रवाई लाइन हाजिर या तबादला । मेरा निवेदन प्रधानमंत्री नमोजी से सीएम वसुंधरा जी से अगर कहि दुर्घटना रेलवे की हो तो मंत्री से मांगते इस्तीफा। मिड डे मील में धांधली खाध मंत्री से इस्तीफा। अरबो की सम्पदा लील ली आग ने ताकि वन ओर वन्य जीव मिट जाए वहा कॉलोनियां बन जाये आबू के लुटेरे आवास या व्यवसाय या देह व्यापार के रिसोर्ट खोल ले।तो फिर आबू की आग पे कोई जवाब देही सुनिश्चित होगी। जिले में दो आईएस आईएफएस ओर जेन्द्रीय प्राधिकरण क्या किसी के खिलाफ करवाई होंगी। अगर चिकित्सा कर्मी शिक्षा कर्मी मनरेगा या कोई भी विभाग में होती गलती तो निलम्बन निष्कासन।

वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण पे कार्रवाई तो आईएस गौरव जी का तबादला। पर अरबो की सम्पदा के नुकसान पर जिले से गोपालन राज्य मंत्री।सांसद, विधायक, चेयरमेन यूआईटी के चेयरमेन ओर जिला प्रमुख जी क्या किसी के खिलाफ करवाई करेंगे | बता सकेंगे कि आग लगती या लगाई जाती। माना कि सीएम साहिबा ने प्रशासनिक दक्षता दिखाते फोरी करवाई में हेलीकॉप्टर भेजे रेसकिउ ओप्रेसन किया। पर खर्चा तो राज्य की जनता के कर से प्राप्त राजस्व से हुआ।पर्यावरण विद खामोश मीडिया प्रशासन की करता गलबहिया भू माफिया खनन माफिया कोयला माफिया के मजे।है अर्बुदा मा है अचलेध्वर महादेब। माँ भद्रकाली अर्बुदारन्य नही जला 33 करोड़ देवी देवता जले या जलाये क्या पीएम मोदी कारवाई करेंगे ।

 

 

Comments box may take a while to load
Stay logged in to your facebook account before commenting

[fbcomments]

Participate in exclusive AT wizard

   AT Exclusive    Writers   Photography   Art   Skills Villa