रक्षा बंधन पर एक बहन का सन्देश: सुरेशव्यास सिखवाल


| August 29, 2015 |  

The above published image is from the all the photos we received on our email and whats app from various subscribers, and we found this image best among all, photo credits Miss Navita and Chnada Agarwal.

इस राखी पर भैया , मुझे बस यही तोहफा देना तुम ,
रखोगे ख्याल माँ-पापा का , बस यही इक वचन देना तुम ,
बेटी हूं मैं , शायद ससुराल से रोज़ न आ पाऊंगी ,
जब भी पीहर आऊंगी , इक मेहमान बनकर आऊंगी ,
पर वादा है, ससुराल में संस्कारों से,
पीहर की शोभा बढाऊंगी ,

तुम तो बेटे हो , इस बात को न भुला देना तुम ,
रखोगे ख्याल माँ -पापा का बस यही वचन देना तुम ,
मुझे नहीं चाहिये सोना-चांदी , न चाहिये हीरे-मोती
मैं इन सब चीजों से कहां सुःख पाऊंगी
देखूंगी जब माँ-पापा को पीहर में खुश
तो ससुराल में चैन से मैं भी जी पाऊंगी

अनमोल हैं ये रिश्ते , इन्हें यूं ही न गंवा देना तुम ,
रखोगे ख्याल माँ-पापा का , बस यही वचन देना तुम ,
वो कभी तुम पर यां भाभी पर गुस्सा हो जायेंगे ,
कभी चिड़चिड़ाहट में कुछ कह भी जायेंगे ,

न गुस्सा करना , न पलट के कुछ कहना तुम ,
उम्र का तकाजा है, यह भाभी को भी समझा देना तुम ,
इस राखी पर भैया मुझे बस यही तोहफा देना तुम
रखोगे ख्याल माँ-पापा का , बस यही वचन देना तुम ।

लेखक
सुरेश व्यास सिखवाल

 

 

Comments box may take a while to load
Stay logged in to your facebook account before commenting

[fbcomments]

Participate in exclusive AT wizard

   AT Exclusive    Writers   Photography   Art   Skills Villa