योजनाओं में पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित ना रहें, अधिकारी रवैया सुधारे या दूर जाने की कर ले तैयारी: टी.टी


| February 25, 2016 |  

स्वतंत्र भार राज्य मंत्री सुरेन्द्र पाल टी.टी ने ली बैठक
जन प्रतिनिधि एवं अधिकारी जन कल्याणकारी योजनाओं की क्रियान्विति में अहम भूमिक निभाएं ताकि पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित नहीं रहें, ये बात गुरूवार को कलैक्ट्री सभागार में भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों का पंजीकरण, विभाग की विभिन्न योजनाओं में बकाया प्रकरणों व श्रम, नियोजन, कौशल, उद्यमिता, कारखाना एवं बायलर्स निरीक्षण विभाग की जिला स्तरीय प्रगति की समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए श्रम, कौशल, नियोजन, उद्यमिता, कारखाना और बायलर्स निरीक्षण के राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) सुरेन्द्र पाल टी.टी. ने कही।

उच्च शिक्षा से वंचित रहे बेरोजगारों को विशेष प्रशिक्षण
मंत्री टीटी ने कहा कि राजस्थान प्रदेश के ऐसे सभी नवयुवक जो किसी कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह गये या बेरोजगार है उनको विशेष प्रशिक्षण देकर रोजगार युक्त करने की महत्वकांक्षी योजना कौशल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही है। वर्तमान में विभिन्न योजनाओं में लगभग एक लाख आठ हजार नौजवान विभिन्न प्रशिक्षण लेकर रोजगार युक्त हुए है। राज्य सरकार द्वारा 170 कौशल विकास केन्द्र में लगभग 20 हजार बेरोजगार नवयुवक वर्तमान में प्रशिक्षण में चल रहें है।

वर्तमान में लगभग 148 से भी अधिक प्रकार के विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहें है, जिनमें आटो मोबाइल्स, सभी प्रकार मिस्त्री प्रशिक्षण, चौकीदार, कम्प्यूटर, क्यूटीशीयन, एकाउन्टस, टेलरिंग, हैण्डक्राफ्ट, नर्सिग , बेड साईड एसीसटेन्स, प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, कृषि यंत्रों के मैकेनिक, ड्राईवर तथा सभी उद्योगों में अलग-अलग काम करने के लिए आवश्यक मैकेनिक व अन्य प्रकार के प्रशिक्षण राज्य सरकार द्वारा नि: शुल्क प्रदान किये जाएंगे साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को स्टेशनरी , ड्रेस प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षण में 30 कि.मी. से दूर से आने वाले युवाओं को नि:शुल्क रहने खाने की सुविधा भी दी जाएगी साथ ही रोजगार परक प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल में प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं मे ंसे 70 प्रतिशत युवाओं को सम्बोधित रोजगार प्रदान किए जाने की गारन्टी भी दी गई है।

प्रत्येक जिलो में प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना
उन्होंने बताया कि राज्य के प्रत्येक जिले में जिला प्रबध्ंाक लगाए गए हैं एवं उनके साथ प्रत्येक जिले में प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की गई है जहां पर विभिन्न एजेन्सियों द्वारा विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे। कौशल पाठ्यक्रमों , प्रशिक्षण केन्द्रों , जिला प्रबंधकों की जानकारी देने के लिए राज्य में 10 हजार सरपंचों, सभी एम.पी, एम.एल.ए को पत्र लिखे गए है साथ ही ग्राम सभाओं से प्रशिक्षण हेतु इच्छुक बेरोजगार युवाओं से प्रस्ताव मांगे गए है। उन्होंने बताया कि जहां राज्य में वर्ष 2012-13 व 2013-14 में 22 करोड रूपये प्रति वर्ष कौशल विकास पर खर्च हो रहा था वहीं अब 2015-16 में कौशल विकास पर 500 करोड से भी अधिक राशि व्यय की जाएगी।

सवा करोड मजदूरों के रजिस्टे्रशन
उन्होंंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक मई 2015 से पूरे प्रदेश में लगभग सवा करोड असंगठित मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के अभियान का शुभारंभ किया गया । असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 के तहत असंगठित श्रमिकों को भामाशाह कार्ड जारी किए जा रहें है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत आने वाले एक करोड से अधिक असगंठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीयन के संबंध में सभी जिला कलक्टर्स को निर्देश दिये गए है।

भामाशाह कार्ड में जिन मजदूरों ने खुद को असंगठित मजदूर दर्ज किया है, उनका रजिस्ट्रेशन करके पूरे प्रदेश में डाटा बेस तैयार किया जायेगा। असंगठित मजदूरों की श्रेणी में घरेलु मजदूर, छोटी दुकानों-ढाबों पर काम करने वाले श्रमिक , कुली रिक्शा चालक आदि होमबेस्ड वर्कर, स्व नियोजित श्रमिक अथवा मजदूरी पर कार्य करने वाले ऐसे श्रमिक भी सम्मिलित है, उनकी सालाना आय 1.20 लाख से कम है। असंगठित श्रमिकों को नजदीकी ई मित्र पर जाकर एक घोषणा पत्र देकर ऑन लाईन रजिस्ट्रेशन करा सकते है। जिला प्रमुख श्रीमती पायल परसरामपुरिया ने कहा कि स्क्रिल डवलपमेंट अन्तर्गत नवीन कोर्सो का समावेश किया जाए ताकि बेरोजगारों को रोजगार के अवसर सुलभ हो सके। अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रहलाद सहाय नागा ने श्रम विभााग में भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों का पंजीकरण रोजगार, कौशल, उद्यमिता, कारखाना एवं बायलर्स निरीक्षण विभाग की विभिन्न योजनाओं में बकाया प्रकरणों व प्रगति से अवगत कराया।

श्रम, रोजगार एवं कौशल विकास राज्य मंत्री पत्रकारों से हुए रूबरू
श्रम, रोजगार एवं कौशल विकास राज्य मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी ने कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि बेरोजगारों को सरकारी नौकरियों से मोह भंग कराकर उन्हें अपने पैरों पर खडा करने के लिए हुनर सिखाया जावे। टीटी गुरूवार को जिला मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रमिको के कल्याण के लिए सरकार ने भारी मात्र में बजट उपलब्ध कराया है, इसलिए अब पूरे प्रदेश मेंं श्रमिक काडऱ् हर स्तर पर बनाने के लिए अधिकारियों को लक्ष्य दिए गए है।

राज्य में असंगठित क्षेत्र में कार्यरत डेढ़ करोड से अधिक श्रमिकों का पंजीयन कर उनके शिक्षा, चिकित्सा, दुर्घटना मुआवजा एवं स्वास्थ्य पर आठ़ करोड रूपये व्यय किए जाऐंगे। देश में प्रधानमंत्री एवं प्रदेश की मुख्यमंत्री ने अनेक प्रकार की योजनाएं लागू की है ,जिनका लाभ आम श्रमिकों व नौजवानों को मिले इसके लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। उन्होंने योजनाओं पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने इन योजनाओं मे भ्रष्ट्राचार रोकने के लिए पूरी पारदर्शिता रखी है तथा लाभान्वित को दी जाने वाली राशि उसके खाते में जमा कराने प्रावधान रखा है। ई-मित्र केन्द्रों व अटल सेवा केन्द्रों पर निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने की शिकायतों पर सख्त कार्रवाही नही करने पर मंत्री ने का कि इन शिकायतों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य मंत्री मंड़ल ने भी चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने आईटी के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि इस पर रोक लगाने के लिए ऐसे केन्द्रों को सीज करने के कड़े कदम उठ़ावे।

पत्रकार वार्ता में बताया कि श्रम अधिकारी द्वारा 6 बजे के बाद बात नही करने का मामला आने पर अधिकारी से कहा कि या तो अपना रवैया सुधार ले या फिर दूर जाने की तैयारी कर ले। इसी बीच वकीलों के एक प्रतिनिधि मंडल ने श्रम न्यायालय का कार्य जोधपुर की बजाय जिले में कार्यरत एमए सीट़ी कोटऱ् मेंं करवाने, श्रम कार्यालय कलेक्टर परिसर में खुलवाने सहित अनेक प्रस्ताव शिकायतें प्रस्तुत की जिस पर मंत्री ने कहा कि स्टाफ की कमी के कारण असुविधाएं हो रही है,वो अब जल्द ही दूर हो जाएगी।

संपादक
हरीश दवे, सिरोही

 

 

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