गियासुद्दीन मंसूरी ने गोल्ड मेडल जीत जिले का नाम किया रोशन


| June 3, 2016 |  

केमिकल इंजिनिरिंयग में मिला गोल्ड मेडल

आबूरोड। कुछ पाने कि अगर ललक हो तो इंसान हर कठिन रास्ते को पार करते हुये अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाता है एंसा ही उदाहरण आबूरोड के गियासुद्दीन मंसूरी ने कर दिया। आबूरोड शहर से अपनी पढ़ाई को शुरू करते हुये उन्होने बेचलर ऑफ टेक्नोलोजी इन केमिकल इंजिनिरिंग मे पूरे संभाग मे गोल्ड मेडल प्राप्त कर अपने मुकाम को किया हासील। परिवार सहित समाज ने किया स्वागत।

गियासुद्दीन मंसूरी पुत्र सिराजुद्दीन मंसूरी निवासी इस्लामिया स्कूल आबूरोड ने जे.के लक्ष्मीपती यूनिर्वसीटी जयपुर में अध्ययन करते हुये 2016 के बेच मे बेचलर ऑफ टेक्नोलोजी केमिकल इंजीनिरियंग में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। जेके लक्ष्मीपति युनिर्वसटी जयपुर मे 4वां कन्वोकेशन समारोह का आयोजन किया गया समारोह में मुख्य अतिथी कुलपति भरत हरि सिंघानिया, पद्मभूषण डा.डीआर मेहता, वाइस चान्सलर डा.आर एल.रैना ने गियासुद्दीन मंसूरी को केमिकल इंजिनियरिंग मे 2016 का बेस्ट स्टूडेंट घोषित करते हुये डिग्री सहित गोल्ड मेडल दिया। समारोह को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथी कुलपति भरत हरि सिंघानिया ने सभी विजेताओ को बधाई देते हुये उनके उज्जवल भविष्य कि शुभकामनाएं की ओर इन्है बताया कि इनोवेशन और टेक्नोलॉजी ही अगली पीढ़ी के लिये पहचान बनाने का सशक्त रास्ता है। इस दोरान यूनिर्वसीटी समेज सभी अभिभावक मोजूद रहे।

 

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आबूरोड मे एक साधारण परिवार मे 28 जूलाई 1994 में जन्मे मंसूरी ने बताया कि बचपन से ही उसे इंजीनियर बनना का शोक था, प्रारंम्भ कि शिक्षा आबूरोड के सेन्ट जोंस स्कूल से प्राप्त करने के बाद मंसूरी ने जयुपर कि जे.के लक्ष्मीपती यूनिर्वसीटी में दाखिला लिया ओर कडी मेहनत करते हुये उन्होने यह गोल्ड मेडल प्राप्त किया। गोल्ड मेडल प्राप्त करने पर उनकी आंखो मे खुशी झलक रही थी वही उनके माता पिता सहित परिजनो मे भी अपने बच्चे कि इस उपलब्धि पर अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुये बच्चे को मुबारकबाद दी।
सपने को किया साकार

मंसुरी ने बताया कि बचपन से इंजीनियर बनने का जनून था , लेकिन बचपन कि थोडी बहुत शरारत करने पर हमेसा उनके पिता द्वारा उनको सिखाया जाता था कि अगर जीवन मे कामयाब बनना है तो अपने दिल कि हर ख्वाईस को तुम्हे अपने अंदर से निकालना होगा ओर सिर्फ एक हि टारगेट बनाकर उसी राह पर चलना होगा ओर मंसुरी ने ऐसा ही किया। स्कूल मे भी वह सिर्फ अपने पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रीत रखते थे इसी करण बारवही भी उन्होने 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करें ओर उन्है आगे के लिये एडमिशन मिल गया।
श्रेय दिया माता पिता सहित गुरूजनो को

मंसूरी ने अपनी इस उपलब्धि का सारा श्रेय अपने माता शकिला मंसूरी पिता सिराजूद्दीन मंसूरी के साथ अपने दादा उमरद्दीन जाजम, बदरूद्दीन जाजम व नसरूद्दीन जाजम परिजनो व अपने गुरूजनो को दिया। मंसूरी ने बताया कि मेरे माता पिता से हमेसा मेरा पूरा साथ दिया मेरी हर परेसानी को दूर कर मुझे कभी कोई दिक्कत नही आने दी।

आबूटाइम्स टीम की ओर से आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाये की आप आने वाले समय में और तरक्की करे |

न्यूज़ स्टोरी
लैएक अहमद

 

 

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