भगवान शंकर के अंगूठे की होती है पूजा: अचलगढ़, माउंट आबू


| February 17, 2015 |  

हर हर महादेव बम बम भोले, माउंट आबू शंकर के जयकारों से गूंज रहा है। स्कंद पुराण में माउंट आबू को माउंट आबू को अर्धकाशी माना गया है माउंट आबू को भगवान शंकर की उपनगरी। अचलगढ़ दुनिया का इकलौता मंदिर है जहां भगवान शंकर के शिवलिंग नहीं अंगूठे की पूजा होती है।

दुनिया की इकलौती जगह जहां भगवान शंकर के अंगूठे की पूजा होती है। माउंट आबू में अचलगढ़ दुनिया की इकलौती ऐसी जगह है जहां भगवान शिव के अंगूठे की पूजा होती है। भगवान शिव के सभी मंदिरों में उनके शिवलिंग की पूजा होती है लेकिन यहां भगवान शिव के अंगूठे की पूजा होती है। महाशिवत्रि के मौके पर देश विदेश से यहां इस मौके पर हजारों श्रद्धालु आ रहे है। महाशिवरात्रि की पूजा अर्चना शुरू हो चुकी है। भक्तों में शंकर की अराधना के इस महापर्व को लेकर जबरदस्त उत्साह है।

महाशिवरात्रि महोत्सव में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं का जमावड़ा अभी से शुरू हो गया है। माउंटआबू में अचलगढ़ मंदिर भगवान शंकर का मंदिर है। आबू पर्वत का केंद्रबिंदु अचलेश्वर महादेव मंदिर यहां का सबसे प्रमुख, स्थापत्य कला से परिपूर्ण ऐतिहासिक मंदिर है। यहां की अनोखी विशेषता है कि यहां भगवान शंकर के अंगूठे की पूजा होती है। गर्भगृह में शिवलिंग पाताल खंड के रूप में दृष्टिगोचर होता है, जिसके ऊपर एक तरफ पैर के अंगूठे का निशान उभरा हुआ है, जिन्हें स्वयंभू शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है।

यह भगवान देवाधिदेव शिव का दाहिना अंगूठा माना जाता है। पहाड़ी के तल पर 15वीं शताब्दी में बना अचलेश्वर मंदिर में भगवान शिव के पैरों के निशान आज भी मौजूद हैं।

सोमनाथ शिव मंदिर

माउंटआबू के सोमनाथ शिव मंदिर में भी महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाई जा रही है। सोमनाथ संत सरोवर का जिक्र शिव पुराण और स्कंद पुराण मे भी आता है।इस पौराणिक स्थल के बारे में ये मान्यता है कि यहां भगवान शिव का वास है। भगवान शंकर की यहां हर शिवरात्रि और महाशिवरात्रि को विशेष कृपा होती है और जिन भक्तों से वो प्रसन्न होते है उन्हें भगवान के दर्शन भी होते है। इस पौराणिक स्थल के बारे में ये मान्यता है कि यहां भगवान शिव का वास है। यहां भगवान शंकर का एक प्राचीन भव्य मंदिर भी है। भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंग भी बनाए गए है। इस दौरान यहां स्वागत यात्रा यानि शोभा यात्रा भी निकाली जाती है जिसमें भगवान शंकर की मूर्तियों को डोली में रखकर पूरे शहर में घुमाया जाता है और फिर मंदिर में स्थापित कर दिया जाता है।भगवान शंकर के चरण सहित कई चीजों के निशान यहां मौजूद है।

News Courtesy: Anil Areean, Mount Abu

 

 

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