2005 में स्वामी ईश्वरानंद गिरी जी ने मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने की थी भविष्यवाणी


| November 20, 2017 |  

देश के जानेमाने संत और परमहंस स्वामी ईश्वरानंद गिरी की समाधि पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माउंटआबू पहुंच सकते हैं। दरअसल स्वामी ईश्वरानंद गिरी के प्रमुख शिष्य और संत सरोवर के प्रमुख संचालक स्वामी संबित सोमगिरी जी महाराज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र लिखकर उनके ब्रह्रलीन होने पर अत्यंत दुख जताया है। अब इस पत्र के बाद माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी कभी भी माउंटआबू में उस स्थान का दौरा कर सकते हैं जहां तलहटी के उडवारिया गांव में बनें ईश्वरालय में स्वामीजी को समाधि दी गई है।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वामी ईश्वरानंद गिरी के बेहद करीबी थी और वह उनके साथ 1975 में देश में लगे आपातकाल के दौरान संपर्क में आए थे। जब वह माउंटआबू आए थे। कई मंच पर ईश्वानंद गिरी से नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद लेते देखा गया था। नरेंद्र मोदी ने अपने कई भाषणों में स्वामी ईश्वरानंद गिरी जी को तत्वज्ञानी बताया था और जनकल्याण का पुरोधा कहा था। गौर हो कि नरेंद्र मोदी स्वामीजी के बेहद करीब थे।

संत सरोवर के प्रमुख संचालक स्वामी संबित सोमगिरी जी को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी ईश्वानंद गिरी के ब्रह्लीन होने पर अत्यंत दुख जताया है। उन्होंने अपने इस पत्र में कहा है कि उनके निधन को आध्यात्म जगत में खालीपन करार दिया है। स्वामीजी की अगाध प्रशंसा करते हुए नरेंद्र मोदी ने अपने पत्र में लिखा है कि वह अपने भावपूर्ण प्रवचनों के जरिए जीवन के उच्च आदर्शों का प्रसार करते थे। मोदी जी ने अपने पत्र में कहा है कि स्वामी जी के विचारए शिक्षाएं एवं कार्य हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे।

पिछले दिनों देश के जानेमाने संत और परमहंसए संतसरोवर के संस्थापक स्वामी ईश्वरानंद गिरी महाराज देवलोकगमन हुआ था। उनके ब्रह्मलीन होने के बाद बैकुंठी शोभा यात्रा निकाली गई तथा शाम को तलहटी के उडवारिया गांव में बनें ईश्वरालय में स्वामी की संत परंपरानुसार समाधि दी गई। स्वामी ईश्वरानंद गिरी का अहमदाबाद सहित देशभर के कई हिस्सों में आश्रम है। उनके शिष्य पूरे देश दुनिया में हैं। स्वामी विवेकानंद के शिकागो में भाषण के 100 साल पूरे होने पर अमेरिका में हुए कार्यक्रम में वो भारत की ओर से शामिल हुए थे। उन्हें परमहंसए परिव्राजकाचार्य की उपाधि से नवाजा गया था।

देश के जानेमाने संत और सोमनाथ मंदिर के महंत स्वामी संबित गिरी मध्य प्रदेश सरकार की अगुवाई वाले एकात्म यात्रा के प्रमुख होंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वामी संबित गिरी को एकात्म यात्रा की अगुवाई करने अनुरोध किया जिसे स्वामी जी ने स्वीकार कर लिया। यानी एकात्म यात्रा का संचालनए निर्देशन स्वामी संबित गिरी के नेतृत्व में होगा। गौर हो कि आदि शंकराचार्य की 108 फीट की मूर्ति के लिए धातु इकट्ठा करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार एकात्म यात्रा का आयोजन 19 दिसंबर से 22 जनवरी तक करेगी।

देश के जानेमाने संत और सोमनाथ मंदिर के महंत स्वामी संबित गिरी शिवराज सरकार के एकात्म यात्रा की संपूर्ण अगुवाई करेंगे। वह ना सिर्फ इस यात्रा का संचालन करेंगे बल्कि वह इस दौरान अपना प्रवचन भी देंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वामी संबित गिरी से एकात्म यात्रा के संचालन का जिम्मा संभालने और प्रमुख पद का उत्तरदायित्व संभालने की गुजारिश की थी जिसे स्वामी जी ने स्वीकार लिया। गौर हो कि स्वामी संबित गिरी महंत सोमनाथ महावेद मंदिर संबित साधनायनए संत सरोवर आबू पर्वत एवं अधिष्ठाता श्री लालेश्वर महादेव मंदिर शिवमठए शिवबाड़ी बीकानेर हैं। हाल ही में ब्रह्लीन हुए परमहंस स्वामी ईश्वरानंद गिरी के वह प्रमुख शिष्य हैं।

आदि शंकराचार्य की 108 फीट की मूर्ति के लिए धातु इकट्ठा करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार एकात्म यात्रा निकालने जा रही है। यह मूर्ति खांडवा के ओमकारेश्वर में स्थापित की जानी है। यह मूर्ति मंदिरों के शहर ओमकारेश्वर में नर्मदा के तट पर लगाई जाएगी। यहां पर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं। राज्य सरकार ने श्एकात्म यात्राश् नाम से दिसंबर.जनवरी में एक जागरुकता अभियान शुरू करने की योजना बनाई है। इसके दौरान मूर्ति बनाने के लिए धातु इकट्ठा की जाएगी। इस यात्रा को सफल बनाने के लिए धर्म गुरुओंए मंत्रियोंए अलग.अलग बोर्ड्स के अध्यक्षोंए प्रशासनिक अधिकारियों समते 98 सदस्यों की एक टीम गठित की गई है। यात्रा के दौरान ओंकारेश्वर में स्थापित होने वाली आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के लिए धातु संग्रहण किया जाएगा। इसके लिए घर.घर से धातु लेकर लोगों को इस अभियान से जोड़ने की योजना है।

इसी साल फरवरी में नमामि देवि नर्मदे.सेवा यात्रा के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओमकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की मूर्ति की स्थापना की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि ओमकारेश्वर में शंकराचार्य अपने गुरु गोविंद भागवतपद से मिले थे और वहीं से आध्यात्मिक ज्ञान पाया था। उन्होंने चार मठों की स्थापना की। आदिशंकराचार्य एकात्म यात्रा संत समाज के सहयोग से 19 दिसंबर से 22 जनवरी तक आयोजित की जाएगी। यह यात्रा प्रदेश में 4 स्थानों से प्रारंभ होंगी। उज्जैन से प्रारंभ यात्रा शिवपुरी जिले से होते हुए 21 जनवरी को ओंकारेश्वर पहुंचेगी।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने परिव्राजकाचार्य परमहंस स्वामी ईश्वरानंदगिरी के ब्रहमलीन होने पर शौक व्यक्त किया है। उन्होने उनके ब्रहमलीन होने पर संत समाज में एक गहरी रिक्तता बताते हुए लिखा है कि स्वामी गिरी ने देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी पहचान बनाई साथ ही वेद ज्ञान और संवित ज्ञान देकर भारत के वैदिक ज्ञान एवं इतिहास को उजागर किया। इसके लिये उन्होने वर्तमान में महंत बने स्वामी सोमगिरी को यह पत्र लिखा है।

 

 

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