टूर ऑफ़ अरवल्लिस के साइकिल चालकों का जथा गुजरात एवं उदयपुर होते हुए माउंट आबू पहुंचा


| September 3, 2018 |  

साइकिल एक ऐसी सवारी है जिसे पर्यावरण और सेहत के लिहाज से शानदार माना जाता है। माउंटआबू में साइकिल सवारों की टीम पहुंची जिसका वहां भव्य स्वागत किया गया। “अरविलिस की यात्रा”, जिसे अब टीओए के रूप में जाना जाता है, चक्रवात साइकलिंग क्लब की वार्षिक फ्लैगशिप घटना है। यह यात्रा आज समाप्त होने जा रही है गुरुशिखर पर जो अरावली की सबसे उच्चतम चोटी है। इस यात्रा का मकसद सेहत और पर्यावरण के लिए साइकिल को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करना है।

साइकिल सवारों की ये टोली जैसे ही माउँटआबू पहुंची उनका भव्य स्वागत किया गया। इस टोली मे 64 लोग है जिसमें दो विदेशी हालैंड और इंगलैंड से है। यह यात्रा अरावली रेंज से शुरू हुई थी जो अरावली की सबसे उच्चतम चोटी गुरुशिखर पर जाकर आज खत्म होगी। यह यात्रा 350 किलोमीटर की है और सभी साइकिल सवार उदयपुर , राणकपुर और माउंटआबू पहुंचे है। समुद्र तल से इतनी ऊंचाई की यह यात्रा यकीनन रोमांचक है। इन साइकिल सवारों का जोश देखते ही बन रहा था। साइकिल की यह यात्रा काफी रोमांचक होती है।

देश के अंदर ज्यादा से ज्यादा उपयोग साइकिल का उपयोग है यही इस साइकिल यात्रा का मकसद है। दरअसल साइकिल बिना किसी इंधन के चलती है लिहाजा पर्यावरण के लिहाज से यह बेहद अनुकूल मानी जाती है। साथ ही इसे चलाने से आप फिट रहते है। “अरविलिस की यात्रा”, जिसे अब टीओए के रूप में जाना जाता है, चक्रवात साइकलिंग क्लब की वार्षिक फ्लैगशिप घटना है। चक्रवात 1800 से अधिक साइकिल चालकों के पंजीकृत सदस्य आधार के साथ लाभ संगठन के लिए नहीं है। चक्रवात 2012 से अहमदाबाद में साइकल चलाना संस्कृति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। “टूर ऑफ़ अरवलिस” (टीओए 3.0) का यह तीसरा सत्र 2 9 अगस्त से 2 सितंबर 2018 तक आयोजित किया जाएगा।

 

 

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